Delhi capitals Ashutosh Sharma fight with coach faced politics and injustice domestic cricket.

दिल्ली कैपिटल्स के आशुतोष शर्मा एक ही रात में स्टार प्लेयर बन गए हैं. उन्होंने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ एक ऐसी पारी खेली जिसने हर किसी को अपना दीवाना बड़ा दिया. आशुतोष ने 31 गेंदों पर नाबाद 66 रन बनाए, जिसके चलते दिल्ली ने 65 रन पर 5 विकेट गंवाने के बाद भी 210 रन का टारगेट हासिल कर लिया. आशुतोष शर्मा का जन्म मध्य प्रदेश के रतलाम में हुआ था. लेकिन वह घरेलू क्रिकेट में रेलवे के लिए खेलते हैं. हालांकि वह इससे पहले मध्य प्रदेश के लिए भी खेल चुके हैं. लेकिन तब उनके साथ कुछ ऐसा हुआ था कि उन्हें टीम बदलनी पड़ी थी.

आशुतोष शर्मा ने कोच पर लगाए थे गंभीर आरोप

बता दें, आशुतोष शर्मा ने आईपीएल के पिछले सीजन में खुलासा किया था कि एक सफल खिलाड़ी बनने के लिए वह कैसे संघर्ष से गुजरे थे. इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश के हेड कोच पर गंभीर आरोप लगाए थे. आशुतोष ने बताया था कि मध्य प्रदेश के लिए 2019 में खेले गए आखिरी टी20 मैच में 84 रन बनाए थे. इसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था. दरअसल, उसी समय चंद्रकांत पंडित को मध्य प्रदेश टीम का नया कोच बनाया गया था. जो फिलहाल IPL में कोलकाता नाइट राइडर्स के हेड कोच हैं. आशुतोष ने बताया था कि उन्हें जानबूझकर टीम से बाहर रखा गया था.

आशुतोष शर्मा ने मध्य प्रदेश के लिए अपने आखिरी मैच के बारे में बात करते हुए एक इंटरव्यू में कहा था, ‘तभी एक नया कोच आए, जो शायद मुझे पसंद नहीं करते थे. उन्हें पसंद और नापसंद की दिक्कत थी. सिलेक्शन ट्रायल में भी मैंने 40 या 45 गेंदों में 90 रन बनाए थे, फिर भी मुझे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी की टीम में नहीं चुना गया था. तब कोरोना का समय चल रहा था. टीम के साथ 20 लोग ही जाते थे, तो मैं होटल में रहता था. तब मैं जिम जाता था और अपने होटल के कमरे में चला जाता था. उस समय मैं डिप्रेशन में चला गया था, मुझे ग्राउंड देखने को ही नहीं मिल रहा था. मुझे मैदान में जाने की अनुमति नहीं थी. मैं बहुत उदास रहने लगा था. किसी ने मुझे नहीं बताया कि मेरी गलती क्या थी. मैंने पिछले सीजन में छह मुश्ताक अली खेलों में तीन अर्धशतक बनाए थे, फिर भी मुझे मैदान में जाने की अनुमति नहीं थी. मैं बहुत उदास रहने लगा था.

इस फैसले ने बदल दी जिंदगी

आशुतोष शर्मा जब अपने इस खराब दौर से गुजर रहे थे, तभी उन्हें रेलवे से नौकरी की पेशकश हुई, जिसने उनके करियर को बदलकर रख दिया. यहीं से उन्होंने रेलवे के लिए खेलना शुरू किया. आशुतोष की मां हेमलता शर्मा ने भी इस फैसले को सही माना था. हेमलता शर्मा ने कहा था, ‘आशुतोष के पिता (रामबाबू शर्मा) रतलाम में ईएसआई अस्पताल में काम करते हैं. हमारे पास फाइनेंशियल स्ट्रगल नहीं था, लेकिन छोटी उम्र से ही आशुतोष का अपना संघर्ष था. और जब वह रेलवे में शामिल हुआ, तो उसके सितारे चमक उठे.’

Leave a Comment